शुक्रवार, 5 जुलाई 2013

इन्द्रियां विषयों को ग्रहण करती हैं लेकिन मन इन्द्रियों को नियंत्रण में करता है

इन्द्रियां विषयों को ग्रहण करती हैं लेकिन मन इन्द्रियों को नियंत्रण में
रखता हैं
जिस प्रकार समुद्र में ज्वार उठता है और कालान्तर में भाटा आता है। इस
पर भी यह सागर के वश की बात नहीं है कि वह उठते ज्वार को भाटे में
या भाटे को ज्वार में परिवर्तित कर सके।
उसी प्रकार कामनाओं का ज्वार जब जीवों में उठता है तो उसका विरोध
भी प्रायः असम्भव हो जाता है। हाँ, मनुष्य में इस ज्वार का विरोध करने
की शक्ति है। जिस प्रकार मनुष्य सागर के ज्वार व भाटे को नौका में बैठ
कर झेलने में सक्षम है, उसी तरह वह अपने आत्म-बल द्वारा कामनाओं
को वश में करने में भी सक्षम है।
भारतीय शास्त्रों में माना है कि मानव में दस इन्द्रियां और ग्यारहवां मन
विद्यमान होते हैं। इन्द्रियां विषयों को ग्रहण करती हैं। परन्तु मन इन
इन्द्रियों पर नियन्त्रण रखता है।

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