बहुसंख्यक समाज का यह परम धरम , परम कर्तव्य व परम अधिकार है कि वे विधर्मी , विदेशी व छद्म धर्मनिरपेक्षशक्तियों को कैसे सबक सिखलाती हैं और किस प्रकार अपनी स्वदेशी सरकार संस्थापनार्थ नमो
के करकमलों को संरक्षित , सुरक्षित , प्रवृद्ध व मजबूत करते हैं ????
अशोक "प्रवृद्ध"
बहुसंख्यक समाज का यह परम धरम , परम कर्तव्य व परम अधिकार है कि वे विधर्मी , विदेशी व छद्म धर्मनिरपेक्षशक्तियों को कैसे सबक
सिखलाती हैं और किस प्रकार अपनी स्वदेशी सरकार संस्थापनार्थ नमो
के करकमलों को संरक्षित , सुरक्षित , प्रवृद्ध व मजबूत करते हैं ????
अशोक "प्रवृद्ध"
गौरवमयी भारतवर्ष के प्रशंसकों , समर्थकों अर्थात आर्य सनातन वैदिक धर्मावलम्बी हिन्दू स्वाभिमान से जुड़े लोगो , संगठनों को यह समझना ही होगा कि जब तक सत्ता के शीर्ष शिखर पर बैठ कर परिवर्तन नहीं किया जायेगा तब तक सनातनी सांस्कृतिक - सामाजिक पुनराभ्युदय ( क्रांति ) कदापि संभव नहीं क्योंकि टहनियों और डालियों पर बैठ कर उन पर पानी डाल कर वृक्ष को मजबूत कतई नहीं किया जा सकता. इस देश में छद्म धर्मनिरपेक्षता अर्थात सेकुलर का ढोंग छद्म स्वाधीन भारतवर्ष में करीब छः दशकों के षड्यंत्र का नतीजा है जिसको वर्तमान भारतवर्ष का बहुसंख्यक अर्थात आर्य सनातन वैदिक धर्मावलम्बी हिन्दू समाज भुगत रहा है .
वर्तमान में इससे बचने का , इस समस्या के समाधान का सुगम व सरल उपाय भारतवर्ष के बहुसंख्यक हिन्दू समाज के समक्ष नमो अर्थात नरेंद्र मोदी के रूप में दैविक कृपा से आ उपस्थित खडा हुआ है , लेकिन विधर्मी , विदेशियों , विदेशी मानसिकता के लोगों की पार्टी खान्ग्रेस व उसके छद्म धर्मनिरपेक्ष सहयोगी भोली - भाली बहुसंख्यक जनता को बरगलाने के लिए , उनको ठगने के लिए साम , दाम , दंड , भेद सभी नीति , सभी उपाय करने में लगे हैं . अब बहुसंख्यक समाज का यह परम धरम , परम कर्तव्य व परम अधिकार है कि वे विधर्मी , विदेशी व छद्म धर्मनिरपेक्षशक्तियों को कैसे सबक सिखलाती हैं और किस प्रकार अपनी स्वदेशी सरकार संस्थापनार्थ नमो के करकमलों को संरक्षित , सुरक्षित , प्रवृद्ध व मजबूत करते हैं ????????????????
वन्दे भारतमात्तरम !!
के करकमलों को संरक्षित , सुरक्षित , प्रवृद्ध व मजबूत करते हैं ????
अशोक "प्रवृद्ध"
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झारखण्ड के गुमला में नमो , अर्जुन मुंडा ,रघुबर दास और लोहरदगा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी सुदर्शन भगत |
बहुसंख्यक समाज का यह परम धरम , परम कर्तव्य व परम अधिकार है कि वे विधर्मी , विदेशी व छद्म धर्मनिरपेक्षशक्तियों को कैसे सबक
सिखलाती हैं और किस प्रकार अपनी स्वदेशी सरकार संस्थापनार्थ नमो
के करकमलों को संरक्षित , सुरक्षित , प्रवृद्ध व मजबूत करते हैं ????
अशोक "प्रवृद्ध"
गौरवमयी भारतवर्ष के प्रशंसकों , समर्थकों अर्थात आर्य सनातन वैदिक धर्मावलम्बी हिन्दू स्वाभिमान से जुड़े लोगो , संगठनों को यह समझना ही होगा कि जब तक सत्ता के शीर्ष शिखर पर बैठ कर परिवर्तन नहीं किया जायेगा तब तक सनातनी सांस्कृतिक - सामाजिक पुनराभ्युदय ( क्रांति ) कदापि संभव नहीं क्योंकि टहनियों और डालियों पर बैठ कर उन पर पानी डाल कर वृक्ष को मजबूत कतई नहीं किया जा सकता. इस देश में छद्म धर्मनिरपेक्षता अर्थात सेकुलर का ढोंग छद्म स्वाधीन भारतवर्ष में करीब छः दशकों के षड्यंत्र का नतीजा है जिसको वर्तमान भारतवर्ष का बहुसंख्यक अर्थात आर्य सनातन वैदिक धर्मावलम्बी हिन्दू समाज भुगत रहा है .
वर्तमान में इससे बचने का , इस समस्या के समाधान का सुगम व सरल उपाय भारतवर्ष के बहुसंख्यक हिन्दू समाज के समक्ष नमो अर्थात नरेंद्र मोदी के रूप में दैविक कृपा से आ उपस्थित खडा हुआ है , लेकिन विधर्मी , विदेशियों , विदेशी मानसिकता के लोगों की पार्टी खान्ग्रेस व उसके छद्म धर्मनिरपेक्ष सहयोगी भोली - भाली बहुसंख्यक जनता को बरगलाने के लिए , उनको ठगने के लिए साम , दाम , दंड , भेद सभी नीति , सभी उपाय करने में लगे हैं . अब बहुसंख्यक समाज का यह परम धरम , परम कर्तव्य व परम अधिकार है कि वे विधर्मी , विदेशी व छद्म धर्मनिरपेक्षशक्तियों को कैसे सबक सिखलाती हैं और किस प्रकार अपनी स्वदेशी सरकार संस्थापनार्थ नमो के करकमलों को संरक्षित , सुरक्षित , प्रवृद्ध व मजबूत करते हैं ????????????????
वन्दे भारतमात्तरम !!
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