बुधवार, 25 दिसंबर 2013

वीर्यरक्षा के बिना ब्रह्मज्ञान सम्भव नही

वीर्यरक्षा के बिना ब्रह्मज्ञान सम्भव नहीं

वीर्य ईश्वरीय उर्जा का अनंत स्रोत है| वीर्यवान सांड को बांधा भी नहीं जा सकता| दास (बैल) बनानेकेलिए किसान सांड़को वीर्यहीन करदेताहै| वीर्यहीन होते ही वह बैल बन कर किसान के लिए अन्न पैदा करता है, जिसे किसान स्वयं खा जाता है और बैल को भूसा खिलाता है| दास बनानेहेतु पैगम्बरोंने बलात्कार, खतना व कुमारी मरियम को मजहबसे जोड़दिया| वीर्यहीन व्यक्ति अपनी इन्द्रियों और शक्तिवान का दास ही बन सकता है, स्वतन्त्र नहीं रह सकता|

हम वीर्यहीन बनने के लिए तैयार नहीं हैं| विद्या, स्वतंत्रता और विवेक के लिए ईसाइयत और इस्लाम मजहबों में कोई स्थान नहीं है| कुरान २:३५ व बाइबल, उत्पत्ति २:१७| हम गायत्री मंत्र द्वारा ईश्वर से बुद्धि को सन्मार्ग पर ले जाने की प्रार्थना करते हैं| हमारी गीता मानव मात्र को उपासना की आजादी देती है| (गीता ७:२१), हम जेहोवा और अल्लाह के उपासना की दासता स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं| अजान व नमाज को पूजा मानने के लिए तैयार नहीं हैं| मैं आतताई अल्लाह व जेहोवा को भगवान मानने के लिए तैयार नहीं हूँ और न अजान व नमाज को पूजा मानता हूँ|

हम बेटी (बाइबल, १, कोरिन्थिंस ७:३६) से विवाह कराने वाले ईसा व पुत्रवधू (कुरान, ३३:३७-३८) से निकाह कराने वाले अल्लाह और धरती के किसी नारी के बलात्कार के बदले स्वर्ग देने वाले (बाइबल, याशयाह १३:१६) व (कुरान २३:६) जेहोवा और अल्लाह को ईश्वर मामने के लिए तैयार नहीं हैं|

जड़ (निर्जीव) और चेतन परमाणु उर्जा

जिसे आज के वैज्ञानिक परमाणु कहते हैं| उसे हमारे पूर्वज ब्रह्म कहते थे| आज की परमाणु ऊर्जा विज्ञान निर्जीव परमाणु ऊर्जा विज्ञान है| जब कि हमारे पूर्वजों का विज्ञान जैविक परमाणुओं के भेदन पर आधारित था| हमारा ज्ञान और विज्ञान आज के जड़ परमाणु उर्जा से अत्यधिक विकसित था| आज की परमाणु उर्जा जड़ परमाणुओं के भेदन पर आश्रित है| लेकिन महाभारत काल में अश्वश्थामा के ब्रह्मास्त्र के संधान और लक्ष्य भेदन के प्रकरण से स्पष्ट होता है कि ब्रह्मास्त्र स्वचालित नहीं थे| एक बार छोड़ देने के बाद भी उनकी दिशा और लक्ष्य भेदन को नियंत्रित किया जा सकता था| इतना ही नहीं लक्ष्य पर वार कर ब्रह्मास्त्र छोड़ने वाले के पास वापस भी आ जाते थे| उनके मलबों को ठिकाने लगाने की समस्या नहीं थी| विकिरण से होने वाली हानि की समस्या नहीं थी|

भिखारियों और चोरों का जनक मैकाले!

जो उपलब्धि इस्लाम ई० स० ७१२ से ई० स० १८३५ तक अर्जित न कर सका, उससे अधिक ईसाइयत ने मात्र ई० स० १८३५ से ई० स० १९०५ के बीच अर्जित कर लिया| सोनिया वैदिक सनातन संस्कृति को मिटाने की दौड़ में सबसे आगे है| मात्र दसाध वर्षों की अवधि में सोनिया ने वैदिक सनातन संस्कृति की जड़ें ही नष्ट कर दी हैं| कुमारी माताओं को सम्मानित किया जा चुका है| लव जेहाद, बेटी व पुत्रवधू से विवाह, सहजीवन व समलैंगिक मैथुन, सगोत्रीय विवाह को कानूनी मान्यता मिल गई है| बारमें दारूपीने वाली बालाओं कासम्मान हो रहा है! विवाह सम्बन्ध अब बेमानी हो चुके हैं| स्कूलों में यौन शिक्षा लागू हो गई है| अब सोनिया टाटा, बिड़ला, अम्बानी आदि को लूटने के लिए एफडीआई लागू कर चुकी है|

विद्या मात्र ब्रह्मविद्या है और ज्ञान मात्र ब्रह्मज्ञान| वीर्यरक्षा के बिना ब्रह्मज्ञान सम्भव नहीं| वीर्य के रक्षा की शिक्षा गुरुकुलों में निःशुल्क दी जाती थी, जिसे मैकाले ने मिटा दिया| भारतीय संविधान की शपथ लेने वाले वैदिक सनातन धर्म और मानव जाति की रक्षा नहीं कर सकते|

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