आज लौह पुरूष सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती पर उनको शतशः हार्दिक नमन। उनकी जयंती के अवसर पर उनके विचारों का स्मरण और उनको अपने जीवन में आत्मसात कर उनसे प्रेरणा लेने की संकल्प सिद्धि ही लौह पुरूष को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
लौह पुरूष सरदार वल्लभभाई पटेल के अनमोल विचार
1. इस मिट्टी में कुछ अनूठा है, जो कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास रहा है
2. यह हर एक नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह यह अनुभव करे
की उसका देश स्वतंत्र है और उसकी स्वतंत्रता की रक्षा करना उसका कर्तव्य है. हर एक भारतीय को अब यह भूल जाना चाहिए कि वह एक राजपूत है, एक सिख या जाट है.
उसे यह याद होना चाहिए कि वह एक भारतीय है और उसे इस देश में हर अधिकार है पर कुछ जिम्मेदारियां भी हैं
3. मेरी एक ही इच्छा है कि भारत एक अच्छा उत्पादक हो और इस देश में कोई भूखा ना हो ,अन्न के लिए आंसू बहाता हुआ
4. स्वतंत्र भारत में कोई भी भूख से नहीं मरेगा. इसके अनाज निर्यात
नहीं किये जायेंगे. कपड़ों का आयात नहीं किया जाएगा. इसके
नेता ना विदेशी भाषा का प्रयोग करेंगे ना किसी दूरस्थ स्थान, समुद्र स्तर
से 7000 फुट ऊपर से शाषण करेंगे. इसके सैन्य खर्च
भारी नहीं होंगे .इसकी सेना अपने ही लोगों या किसी और की भूमी को अधीन
नहीं करेगी. इसके सबसे अच्छे वेतन पाने वाले अधिकारी इसके सबसे कम
वेतन पाने वाले सेवकों से बहुत ज्यादा नहीं कमाएंगे. और यहाँ न्याय
पाना ना खर्चीला होगा ना कठिन होगा
5. आपकी अच्छाई आपके मार्ग में बाधक है, इसलिए अपनी आँखों को क्रोध
से लाल होने दीजिये, और अन्याय का मजबूत हाथों से सामना कीजिये
6. चर्चिल से कहो कि भारत को बचाने से पहले इंग्लैंड को बचाए
7. एकता के बिना जनशक्ति शक्ति नहीं है जबतक उसे ठीक तरह से
सामंजस्य में ना लाया जाए और एकजुट ना किया जाए, और तब यह
आध्यात्मिक शक्ति बन जाती है
8. शक्ति के अभाव में विश्वास किसी काम का नहीं है. विश्वास और
शक्ति , दोनों किसी महान काम को करने के लिए अनिवार्य हैं
9. यहाँ तक कि यदि हम हज़ारों की दौलत भी गवां दें,और हमारा जीवन
बलिदान हो जाए, हमें मुस्कुराते रहना चाहिए और ईश्वर एवं सत्य में
विश्वास रखकर प्रसन्न रहना चाहिए
10. बेशक कर्म पूजा है किन्तु हास्य जीवन है.जो कोई भी अपना जीवन
बहुत गंभीरता से लेता है उसे एक तुच्छ जीवन के लिए तैयार रहना चाहिए.
जो कोई भी सुख और दुःख का समान रूप से स्वागत करता है वास्तव में
वही सबसे अच्छी तरह से जीता है
11. अक्सर मैं ऐसे बच्चे जो मुझे अपना साथ दे सकते हैं, के साथ हंसी-
मजाक करता हूँ. जब तक एक इंसान अपने अन्दर के बच्चे को बचाए रख
सकता है तभी तक जीवन उस अंधकारमयी छाया से दूर रह सकता है
जो इंसान के माथे पर चिंता की रेखाएं छोड़ जाती हैं।
लौह पुरूष सरदार वल्लभभाई पटेल के अनमोल विचार
1. इस मिट्टी में कुछ अनूठा है, जो कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास रहा है
2. यह हर एक नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह यह अनुभव करे
की उसका देश स्वतंत्र है और उसकी स्वतंत्रता की रक्षा करना उसका कर्तव्य है. हर एक भारतीय को अब यह भूल जाना चाहिए कि वह एक राजपूत है, एक सिख या जाट है.
उसे यह याद होना चाहिए कि वह एक भारतीय है और उसे इस देश में हर अधिकार है पर कुछ जिम्मेदारियां भी हैं
3. मेरी एक ही इच्छा है कि भारत एक अच्छा उत्पादक हो और इस देश में कोई भूखा ना हो ,अन्न के लिए आंसू बहाता हुआ
4. स्वतंत्र भारत में कोई भी भूख से नहीं मरेगा. इसके अनाज निर्यात
नहीं किये जायेंगे. कपड़ों का आयात नहीं किया जाएगा. इसके
नेता ना विदेशी भाषा का प्रयोग करेंगे ना किसी दूरस्थ स्थान, समुद्र स्तर
से 7000 फुट ऊपर से शाषण करेंगे. इसके सैन्य खर्च
भारी नहीं होंगे .इसकी सेना अपने ही लोगों या किसी और की भूमी को अधीन
नहीं करेगी. इसके सबसे अच्छे वेतन पाने वाले अधिकारी इसके सबसे कम
वेतन पाने वाले सेवकों से बहुत ज्यादा नहीं कमाएंगे. और यहाँ न्याय
पाना ना खर्चीला होगा ना कठिन होगा
5. आपकी अच्छाई आपके मार्ग में बाधक है, इसलिए अपनी आँखों को क्रोध
से लाल होने दीजिये, और अन्याय का मजबूत हाथों से सामना कीजिये
6. चर्चिल से कहो कि भारत को बचाने से पहले इंग्लैंड को बचाए
7. एकता के बिना जनशक्ति शक्ति नहीं है जबतक उसे ठीक तरह से
सामंजस्य में ना लाया जाए और एकजुट ना किया जाए, और तब यह
आध्यात्मिक शक्ति बन जाती है
8. शक्ति के अभाव में विश्वास किसी काम का नहीं है. विश्वास और
शक्ति , दोनों किसी महान काम को करने के लिए अनिवार्य हैं
9. यहाँ तक कि यदि हम हज़ारों की दौलत भी गवां दें,और हमारा जीवन
बलिदान हो जाए, हमें मुस्कुराते रहना चाहिए और ईश्वर एवं सत्य में
विश्वास रखकर प्रसन्न रहना चाहिए
10. बेशक कर्म पूजा है किन्तु हास्य जीवन है.जो कोई भी अपना जीवन
बहुत गंभीरता से लेता है उसे एक तुच्छ जीवन के लिए तैयार रहना चाहिए.
जो कोई भी सुख और दुःख का समान रूप से स्वागत करता है वास्तव में
वही सबसे अच्छी तरह से जीता है
11. अक्सर मैं ऐसे बच्चे जो मुझे अपना साथ दे सकते हैं, के साथ हंसी-
मजाक करता हूँ. जब तक एक इंसान अपने अन्दर के बच्चे को बचाए रख
सकता है तभी तक जीवन उस अंधकारमयी छाया से दूर रह सकता है
जो इंसान के माथे पर चिंता की रेखाएं छोड़ जाती हैं।
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