भारतवर्ष के पतन का कारण विद्वत्ता अर्थात ब्राह्मणत्व में ह्रास
महाभारत के युद्ध में योद्धाओं की संख्या में अपार हानि हुई थी। महाभारत -युद्ध में योद्धाओं, क्षत्रियों का महान विनाश होने पर देश राजनितिक विचार स्व असुरक्षित और हिन् होना चाहिए था , परन्तु महाभारत के काल से लेकर अशोक के निधन तक देश में कोई भी विदेशी आक्रमण नहीं हुआ था।
इससे यह बात स्पष्ट होती है कि विशाल संख्या में क्षत्रिय योद्धाओं के मरने पर भी भारतवर्ष राजनितिक दृष्टि से दुर्बल नहीं हुआ था।
भारतवर्ष में दुर्बलता आई थी बौद्धिक दृष्टि से , भारतवर्ष में विद्वता अर्थात ब्राह्मणत्व में ह्रास आने से , और ब्राह्मणत्व में ह्रास महाभारत युद्ध के पूर्व से ही आरम्भ हो चूका था , जो युद्धोपरांत तेजी से हुआ। जिसके कारण अहिन्सावादियों अर्थात बौद्धों, जैनों और नास्तिकों को पनपने का मौका मिला । फलतः विदेशियों को हमला करने की हिम्मत हुई और हम सदियों तक विदेशी दासता में जकड़ने को बाध्य हुए। आज भी हम विदेशी मानसिकता और विदेशी शासन से पूर्णतः मुक्त नहीं हो पाए हैं।
बुधवार, 21 अगस्त 2013
भारतवर्ष के पतन का कारण विद्वत्ता अर्थात ब्राह्मणत्व में ह्रास - अशोक "प्रवृद्ध"
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